बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कहा- वह अल्पसंख्यकों की हिफाजत की जिम्मेदारी से ना भागे और बहानेबाजी बंद करे
ढका
बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के एक मशहूर नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से की गई हत्या पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत सरकार ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कहा है कि वह अल्पसंख्यकों की हिफाजत की जिम्मेदारी से ना भागे और बहानेबाजी बंद करे। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता श्री भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या से दुखी हैं। ये घटना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही सिलसिलेवार जुल्मों की कड़ी का हिस्सा लगती है, जबकि पुराने मामलों के गुनहगार अब भी खुलेआम घूम रहे हैं।”
सुरक्षा की जिम्मेदारी लीजिए: भारत सरकार
अपने ट्वीट में जायसवाल लिखते हैं, “हम इस नृशंस हत्या की निंदा करते हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को दोबारा याद दिलाते हैं कि बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे।”
अगवा कर की गई हत्या
द डेली स्टार अखबार ने पुलिस और परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि ढाका से लगभग 330 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में दिनाजपुर के बसुदेबपुर गांव के निवासी भाबेश चंद्र रॉय (58) का शव गुरुवार रात बरामद किया गया। रॉय की पत्नी शांतना ने अखबार को बताया कि उन्हें (रॉय) शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया और उन्होंने (शांतना) दावा किया कि अपराधियों ने घर पर उनकी मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए यह फोन किया था।
खबर में लिखा गया है, ‘‘लगभग 30 मिनट बाद, दो मोटरसाइकिल पर चार लोग आए और कथित तौर पर भाबेश को परिसर से अगवा कर ले गए।’’ इसमें बताया गया कि रॉय को नाराबारी गांव ले जाया गया, जहां उनके साथ क्रूरता से मारपीट की गई। रॉय बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और क्षेत्र में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। अखबार ने बिराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अब्दुस सबूर के हवाले से कहा कि मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है।