मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष चुने गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।
Narendra Singh Tomar, the Union Minister, has been elected as the Speaker of the Madhya Pradesh Legislative Assembly.
संतोष सिंह तोमर
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार गठन को लेकर भोपाल में सोमवार को चली कई घंटों की बैठक के बाद पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी है।
ऐसे में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री नए विधानसभा अध्यक्ष का पद संभालेंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी है। हालांकि इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री की रेस में गिना जा रहा था, लेकिन अब पूरी तरह से मध्य प्रदेश की सियासी तस्वीर साफ हो चुकी है। नरेंद्र सिंह तोमर को बीजेपी ने इस बार दिमनी विधानसभा सीट से टिकट दिया था। जहां उन्होंने 24 हजार से अधिक वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की है।
विधानसभा के अध्यक्ष होंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भाजपा ने विधानसभा का अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। श्री तोमर दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए हैं। उन्होंने अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के प्रत्याशी को 24461 वोटों के अंतर से मात दी है। नरेंद्र सिंह तोमर को 79137 वोट मिले हैं। श्री तोमर केंद्र की मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय समेत कई अन्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। साफ-सुथरी छवि वाले नेता होने के नाते नरेंद्र सिंह तोमर को इस विधानसभा का स्पीकर चुना गया है।
छात्र जीवन से शुरू किया राजनीतिक सफर
मध्य प्रदेश के नए स्पीकर चुने गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के ओरेठी गांव में 12 जून 1957 को हुआ। श्री तोमर एक राजपूत क्षत्रीय परिवार से आते हैं। उन्होंने जीवाजी यूनिवर्सिटी से स्नातक तक की शिक्षा हासिल की हुई है। स्नातक की पढ़ाई के दौरान तोमर महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। इसके साथ ही वो ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर भी चुने गए, जिसके बाद वह पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गए। वर्ष 1977 में भाजपा ने उन्हें युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 1984 में युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री बने और वर्ष 1991 में प्रदेश अध्यक्ष बने। वर्ष 2006 में नरेंद्र सिंह तोमर को फिर एक बार मध्य प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष चुना गया। इस राजनेतिक सफर के दौरान वे राज्यसभा सांसद भी रहे हैं।
ग्वालियर से लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव
नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1993 ग्वालियर सीट से लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा को 26 हजार से अधिक वोटों के अंतर मात देकर विधानसभा में पहला कदम रखा था। इस दौरान उनको 50 हजार वोट मिले थे। उन्होंने अपना दूसरा विधानसभा का चुनाव वर्ष 2003 में लड़ा था, जिसमें उनको 63 हजार 592 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बालेन्दु शुक्ला को 29 हजार 452 वोट मिले। तोमर ने यह चुनाव 34 हजार 140 वोटों के अंतर से जीता था। वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2007 तक श्री तोमर मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर रहे।
2009 से लगातार चुने गए लोकसभा के सांसद
साल 2009 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार मुरैना से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने से पहले वो राज्यसभा के सदस्य थे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 97 वोटों से हराया था। वहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें ग्वालियर से टिकट दिया। इस दौरान उन्होंने 26 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की। नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, खान मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्हें फिर एक बार मुरैना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया और इस बार भी वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीतकर लगातार तीसरी बार लोकसभा में पहुंचे। जिसके बाद वो ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय में रहे और उन्हें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया।