भारत को एक करने के लिए, जाति-पात, भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच, अगड़े और पिछड़े की लड़ाई को मिटाने के लिए मैं पदयात्रा करने वाला हूं : धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
छतरपुर
मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इस बीच उन्होंने एक और बयान दिया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. उन्होंने कहा है कि 'जिस दिन ये (मुस्लिम) 50 पर्सेंट हो जाएंगे, हर मंदिर में मस्जिद बन जाएगी, तब हिंदुओं को पता चलेगा.'
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने में ये बात कही है. एक दूसरे इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह भारत में हिंदू समाज के बीच एकजुटता का संदेश लेकर जल्द ही पूरे देश में पद यात्रा निकालेंगे. उन्होंने कहा, "भारत को एक करने के लिए, जाति-पात, भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच, अगड़े और पिछड़े की लड़ाई को मिटाने के लिए मैं पदयात्रा करने वाला हूं."
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "मंदिरों के बाहर ये तो लिखा है कि चप्पल बाहर उतारें, लेकिन जाति-पात बाहर उतारकर आएं ये नहीं लिखा है. मेरी विचारधारा बहुत अलग है, मुझे भारत को बचाना है."
महाकुंभ में गैर सनातनियों को लेकर क्या कहा?
वहीं इससे पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की 'महाकुंभ में गैर सनातनियों को खाने पीने की दुकानें नहीं लगाने देना चाहिए' जैसी मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, "क्या मक्का-मदीना में हमारे गरीब हिंदू भाइयों को दुकान मिल सकती है, नहीं ना. क्या किसी चर्च के सामने कोई हिंदू कैंडल की दुकान लगा सकता है, नहीं ना."
उन्होंने कहा, "अगर आप को हमारे धर्म के बारे में नहीं पता है. अगर आप को संगम के बारे में नहीं पता है, आप को सत्संग के बारे में नहीं पता है तो आप वहां बिजनेस करके क्या करोगे? क्या आप हमारी पवित्रता को बरकरार रख पाएंगे? हमने इसमें क्या गलत कह दिया था. लोगों ने इस बात पर बवाल कर दिया कि हमने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का समर्थन कर दिया."