December 10, 2024

उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश पर लगभग 500 से अधिक बेटियां ANM के पद पर होगी नियुक्ति।

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On the orders of Jabalpur High Court, more than 500 daughters will be appointed to the post of ANM.

  • अधिकारियों की गलत नीतियों से ANM बेटियां हो रही थी परेशान
  • तत्काल सरकारी आदेश भी हुए जारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव जी स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला जी एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल जी से मुलाकात कर सबूतो के आधार पर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की करेंगे मांग।– सैयद जाफर

पीड़ित बेटियों को उच्च न्यायालय में पूरी मदद करने वाले सैयद जाफर ने आगे बताया कि 2023 में मध्य प्रदेश में ANM के लगभग 1200 से अधिक पदों की नियमित नियुक्ति होना था

जिसमें तीन ऐसे गलत नियम बना दिए गए थे जिससे प्रदेश की हजारों बेटियां इस नियुक्ति प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रही थी
जिस पर प्रदेश की सैकड़ो ANM कार्यकर्ताओं की मदद करते हुए छिंदवाड़ा निवासी तबस्सुम कुरैशी एवं अन्य की तरफ से जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने तत्काल राहत देते हुए वंचित बेटियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान कर दी
परीक्षा में शामिल होने के बाद मेरिट लिस्ट पर नाम आने के बाद भी अधिकारियों की गलत नीतियों के कारण इन बेटियों को नियमित पदों पर नियुक्ति नहीं मिल रही थी

जिस पर उच्च न्यायालय ने छिंदवाड़ा निवासी तबस्सुम कुरैशी की याचिका एवं अन्य जो जो शासन की नियमों से पीड़ित थे माननीय उच्च न्यायालय संपूर्ण मध्य प्रदेश में जो इस तरह की गलत नियम बनाकर नियुक्ति नहीं दी जा रही थी जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त गलत नियमों को दरकिनार रखते हुए याचिका में वर्णित तर्कों को स्वीकार करते हुए प्रदेश की पीड़ित एएनएम बेटियों को नियमित पद पर नियुक्ति करने के लिए प्रदेश सरकार को आदेशित किया।

क्या थे गलत नियम

  1. पूर्व में एएनएम का कोर्स 18 महीने का होता था बाद में 2019 में सरकार के आदेश द्वारा यह 24 महीने का हो गया एवं 2023 के विज्ञापन में 24 महीने के कोर्स को वर्णित कर दिया गया, अधिकारियों ने मूर्खता पूर्वक निर्णय लेते हुए नियुक्ति प्रक्रिया में 18 महीने का कोर्स करने वाली ANM बेटियों को डिसक्वालीफाई कर दिया।
  2. मध्य प्रदेश में ANM का कोर्स शासकीय एवं अशासकीय कॉलेज में कराया जाता है प्रदेश के अधिकारियों की मूर्खता पूर्वक निर्णय के अनुसार अशासकीय कॉलेज में ANM का कोर्स करने वाली बेटियों को डिसक्वालीफाई कर दिया।
  3. पूर्व में एएनएम का कोर्स करने के लिए 10 वी पास होना आवश्यक था जिस आधार पर हजारों बेटियों ने एएनएम का कोर्स करके रखा था, अधिकारियों की मूर्खता पूर्वक निर्णय के अनुसार जिन बेटियों ने 12 वी पास कि वो भी बायोलॉजी विषय में वही पात्र होगी 10वीं पास ANM बेटियों को डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय जबलपुर ने इन तीनों नियम को नियम विरुद्ध मानते हुए छिंदवाड़ा निवासी तबस्सुम कुरैशी की याचिका एवं मध्य प्रदेश के एएनएम बहनों की याचिकाएं पर स्पष्ट आदेश करते हुए सभी को नियमित पद पर नियुक्ति करने के लिए सरकार को आदेशित किया गया है ।

सैयद जाफर ने बताया कि याचिका कर्ता तबस्सुम कुरैशी एवं अन्य की तरफ से उच्च न्यायालय में एडवोकेट राजमणि सिंगरौल द्वारा बताया गया कि मा.उच्च न्यायालय का आदेश विस्तृत एवं स्पष्ट रूप से है की यदि 8/ 11/ 2024 सरकार द्वारा एएनएम को नियुक्ति आदेश नहीं करता है स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर कोर्ट की अवमानना के पात्र होंगे इनके खिलाफअवमानना की कार्यवाही भी की जाएगी ।

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