सिंधिया परिवार को कोर्ट से झटका.
The Scindia family faces a setback in court.
करोड़ों रुपए की जमीन बेचने पर रोक लगाई
भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार को कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है।
सिंधिया परिवार एक संपत्ति को अपनी बताकर बिक्री कर रहा था, जिस पर कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है सिंधिया परिवार कई प्रकार के प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में उलझा हुआ है। ऐसी ही एक संपत्ति विवाद में न्यायालय का फैसला सुनाया है। न्यायालय में निर्णय हुआ है कि महल गांव में यशवंत राव राणे की जमीन को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी माताजी माधवी राजे सिंधिया, उनकी बहन चित्रांगदा राजे और नारायणन बिल्डर्स एवं डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, अपनी संपत्ति बताकर बेच रहे हैं। न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी है।
ग्वालियर में रियासत काल में सिंधिया परिवार के शाही महल जयविलास पैलेस का परिसर बहुत विशाल था। इसमें शिकारगाह, हैलीपेड, कृषिभूमि आदि भी थी, लेकिन स्वतंत्रता के पश्चात सिंधिया परिवार ने इसके आसपास की भूमि में पॉश कॉलोनियां विकसित कर जगह बेच दी, जो सिंध विहार, चेतकपुरी, वसंत विहार, चेतकपुरी आदि कॉलोनियां के नाम से जानी जाती हैं। सिंधिया परिवार ने ग्वालियर में चेतकपुरी के सामने महल गांव में सर्वे नंबर 1211/1, 1211/2 एवं 1211/3 की कुल 6 बीघा 4 विस्वा जमीन नारायण बिल्डर एंड डेवलपर को बेचने का सौदा किया तो इसके स्वामित्व को लेकर एक वाद दायर किया गया। यशवंत राव राने के परिवार ने इस जमीन को अपना बताते हुए इसका भूस्वामी बताया और सिंधिया परिवार के विक्रय अनुबंधों को अवैद्य बताते हुए की जा रही बिक्री पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।
द्वादशम सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश अजय सिंह ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद इस केस में अपना निर्णय सुनाया है। उन्होंने याचिकाकर्ता यशवंत राव राणे को इस जमीन का स्वामी घोषित कर दिया है। इसी के साथ आदेश दिया है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी माताजी माधवी राजे सिंधिया, उनकी बहन चित्रांगदा राजे और नारायणन बिल्डर्स एवं डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, जमीन का विक्रय नहीं कर सकते हैं। ग्वालियर के जिला कलेक्टर एवं नगर निगम ग्वालियर के कमिश्नर को आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है।