10 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल में करणी सेना का जंगी प्रदर्शन।

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भोपाल। करणी सेना ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में एक बार फिर जंगी प्रदर्शन किया। भोपाल से दूर रातीबड़ क्षेत्र में भारी तादाद में एकत्रित हुए करणी सेना के कार्यकर्ता एक सभा के बाद सीएम हाउस घेराव के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने इन्हे नीलबड़ चौराहे के पास रोक दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोकझोंक और झूमा झटकी तक हो गई। जिसके बाद करणी सेना के कार्यकर्ता बैरिकेड्स हटाकर सीएम हाउस का घेराव करने के लिए आगे बढ़ने लगे। करणी सेना कार्यकर्ताओं के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। इधर देर रात जेल के बाहर पहुंचे करणी सेना के कार्यकर्ता अपने साथियों को जेल से रिहा करने की भी मांग करते रहे। करणी सेना के अनुराग प्रताप सिंह राघव का कहना था कि ”हम पहले दो आंदोलन कर चुके हैं, तब केवल आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करा दिए गए थे, उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब हमने फिर 10 सूत्री मांगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक पहुंचाई हैं। हमारी मांगों पर अमल नहीं किया जा रहा बल्कि पुलिस ने हमारे कई साथियों को जबरन पकड़ कर जेल भेज दिया।
10 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना ने एक बार फिर भोपाल में प्रदर्शन किया। रविवार को राजधानी के रातीबड़ क्षेत्र में जुटे करणी सेना कार्यकर्ताओं ने पहले एक सभा की। इसके बाद दोपहर करीब 3 बजे सीएम हाउस घेराव के लिए निकले। पुलिस ने इन्हें नीलबड़ चौराहे के पास रोक दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोकझोंक देखने को मिली। करणी सेना के कार्यकर्ता यहां बेरिकेड्स हटाकर आगे बढ़ गए। करणी सेना को थोड़ी ही दूरी पर पुलिस ने बेरिकेडिंग कर फिर से रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारी आगे जाने की बात पर अड़े रहे। जिसके बाद पुलिस ने करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह समेत करीब 100 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह राघव ने कहा कि हम पहले 2 आंदोलन कर चुके हैं। तब केवल आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करा दिए गए थे। उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब हमने फिर 10 सूत्रीय मांगें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाई है।
हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी लड़ाई प्रशासन से नहीं है। अनुशासन पूर्वक सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे हैं। प्रशासन ने हम पर लाठी चार्ज किया तो हम वादा करते
हैं सरकार को बैसाखी पर लाकर छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कांग्रेस ने भी कभी हमारा साथ नहीं दिया। किसी दल की बातों में आकर हिंदुत्व को खतरे में नहीं डालेंगे। आज से हमारी असल लड़ाई शुरू है।
पुलिस ने जगह जगह कराई बैरिकेडिंग।
पुलिस ने करणी सेना के प्रदर्शन को देखते हुए नीलबड़ से भदभदा चौराहे की ओर सड़क पर जगह-जगह बैरिकेडिंग कर रखी थी। मौके पर पुलिस व प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इससे पहले भोपाल पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि प्रदर्शनकारी जबरन सीएम हाउस की ओर कूच करेंगे, तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
अन्य राज्यों से भी पहुंचे करणी सैनिक।
बताया गया है कि भोपाल में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश भर से करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंचे थे । इसके साथ ही राजस्थान, गुजरात और पंजाब के कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। लगभग 5 हजार से अधिक करणी सैनिक शनिवार रात में ही भोपाल पहुंच गए थे। जिसके बाद संगठन के यह सभी कार्यकर्ता भोपाल और शहर के आउटर में पदाधिकारियों के बताए गए स्थान पर पहुंच गए।
करणी सेना की दस मांगें।
1. बीजेपी और कांग्रेस प्रदेश में 15 प्रतिशत जनसंख्या वाले राजपूत समाज के 50-50 टिकट देने की घोषणा करें।
2. एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने कड़े कानून बनाए, ऐसे केस में जांच के पश्चात ही गिरफ्तारी होना चाहिए।
3. क्षत्रिय समाज के इतिहास से हो रही छेड़छाड़ के खिलाफ इतिहास संरक्षण कमेटी बने। ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने वाले पर आपराधिक मामला दर्ज हो, ऐसा कानून बने।
4. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजस्थान की तर्ज पर प्रमाण पत्र बनने में आय स्रोतों में तुरंत सरलीकरण लागू हो।
5. पंचायत राज चुनाव में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू हो, गरीब सवर्णों की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी बढ़े।
6. राजस्थान में गुर्जरों के देवनारायण बोर्ड की तर्ज पर राजपूत के लिए 200 करोड़ के बजट के साथ महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन हो।
7. क्षत्रिय वीर योद्धाओं को आज की पीढ़ी से रूबरू कराने के लिए पैनोरमा निर्माण के लिए प्राधिकरण का गठन हो।
8. फिल्म-टीवी सीरियल में क्षत्रिय इतिहास को तोड़ने मरोड़ने के खिलाफ सेंसर बोर्ड के अलावा इतिहासकारों की कमेटी का गठन हो।
9. युगपुरुष लोकेन्द्र सिंह कालवी साहब की प्रतिमा भोपाल या इंदौर में स्थापित की जाए।
10. गौवंश के संरक्षण के लिए गौशाला निर्माण एवं गौशाला अनुदान की राशि दोगुनी की जाए।