November 22, 2024

मध्य प्रदेश में जेल के नियमों में बड़ा बदलाव 1 जनवरी से बंदियों को अब अच्छा और पौष्टिक खाना मिलेगा

0

भोपाल
 जेल के खाने में बड़ा बदलाव होने वाला है। अब कैदियों को दूध, दही, छाछ तो मिलेगा ही और तो और, सलाद भी मिलेगा। यह नया नियम 1 जनवरी से लागू हो सकता है। मध्य प्रदेश में जेल के नियमों में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। जेल में बंदियों को अब अच्छा और पौष्टिक खाना मिलेगा। इसके लिए नया कानून लाया जा रहा है। इस नए कानून में लगभग एक हजार नए नियम शामिल हैं। इसमें सबसे अहम बदलाव खाने को लेकर है।
सलाद के साथ दूध, दही और छाछ

अब तक जेल में कैदियों को सिर्फ़ सादा खाना मिलता था, लेकिन अब उन्हें दूध, दही, छाछ और सलाद जैसी पौष्टिक चीजें भी मिलेंगी। यह नियम मध्य प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बना देगा जो जेल में बंदियों को इतना पौष्टिक आहार देगा।

टीबी के मरीजों को मिलेगा अंडा

नए नियमों के मुताबिक, टीबी के मरीजों को अंडा दिया जाएगा। साथ ही, हफ़्ते में एक दिन सभी कैदियों को मिठाई भी मिलेगी। इसके अलावा, कैदी अपनी पसंद का खाना भी बना सकेंगे।

मंजूरी मिलते ही लागू होगा नियम

यह बदलाव 'मप्र सुधारात्मक सेवाएं व बंदीगृह अधिनियम' के तहत किए जा रहे हैं। इस कानून का मकसद जेल में बंदियों को बेहतर सुविधाएं देना है। फ़िलहाल, वित्त विभाग इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है। जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने बताया, 'बंदियों के लिए बेहतर खानपान की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा। फिलहाल, प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है।'

वित्त विभाग कर रहा खर्चे का आंकलन

मध्य प्रदेश में अभी 45 हजार कैदी हैं। नए नियमों से इन्हें काफ़ी फ़ायदा होगा। नए कानून में यह भी प्रावधान है कि खतरनाक कैदियों को अलग सेल में रखा जाएगा। नए नियमों से जेल का खर्च बढ़ेगा, इसलिए वित्त विभाग मंजूरी देने से पहले इसका आंकलन कर रहा है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो 1 जनवरी से जेलों में यह नया नियम लागू हो जाएगा।

1884 के कानून से चल रही जेल

यह बदलाव इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि अभी जेलों में 1894 का कानून लागू है। यह कानून अंग्रेजों ने बनाया था। इसमें कई नियम ऐसे हैं जो आज के समय में प्रासंगिक नहीं हैं। इसलिए सरकार ने पुराने कानून को बदलकर नया कानून लाने का फ़ैसला किया है।
जेल सजा की नहीं, सुधार की जगह

सरकार का मानना है कि जेल सज़ा देने की जगह नहीं, बल्कि सुधार करने की जगह होनी चाहिए। नए नियमों से यही उम्मीद है कि कैदियों का जीवन स्तर बेहतर होगा और वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor