September 20, 2024

MP में कोरोना के बाद वायरल फीवर-डेंगू का कहर

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एमपी में कोरोना के बाद अब डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. बीमारियों ने बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है.

भोपाल/जबलपुर. कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की चेतावनी के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में वायरल फीवर और डेंगू कहर बरपा रहे है. राजधानी भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर सहित कई जगहों पर सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. इन मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा है. भोपाल में तो बीमारी होने वाले बच्चों की संख्या ही 355 से ज्यादा है. जबलपुर में मरीजों का आंकड़ा 500 के आसपास छू रहा है. ग्वालियर में मरीजों की संख्या 40 से ज्यादा हो गई है.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल में वायरल फीवर बच्चों पर सीधा असर कर रहा है. राजधानी भोपाल के निजी व सरकारी अस्पतालों में 355 से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित है. यहां 50 से 60 बच्चे रोज वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ओपीडी की संख्या भी सरकारी-निजी अस्पतालों में 60% बढ़ा दी गई है. अस्पतालों में एक- एक बेड पर से दो से तीन बच्चों को भर्ती किया गया है. करीब-करीब सभी अस्पताल बच्चों से भर चुके हैं.

प्रदेश में डेंगू चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं. बुधवार को डेंगू के 11, तो चिकनगुनिया के 7 मरीज मिले. शहर में डेंगू के अब तक 151, चिकनगुनिया के 47 मरीज सामने आए हैं. 9068 घरों में डेंगू का लार्वा मिला है. मलेरिया विभाग और नगर निगम की टीमें घर घर-घर जाकर सर्वे कर लार्वा नष्ट कर रही हैं.

जबलपुर में बच्चों की हालत नाजुक

जबलपुर में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या का आंकड़ा 500 के ऊपर है. हालांकि, सरकारी आंकड़ों में मात्र 333 मरीज ही हैं. शहर के बड़े अस्पतालों में से एक विक्टोरिया अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में एक बेड पर 2 से 3 बच्चे तक भर्ती हैं. 24 बेड की व्यवस्था वाले चाइल्ड वार्ड में 55 से 60 बच्चे एडमिट हैं. इसके बावजूद जगह कम पड़ रही है. इस जिला अस्पताल के अलावा निजी और अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों में भी हालात भयावह है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में अभी तक 18 साल तक उम्र के डेंगू के 124 मरीज मिले हैं. वहीं, संक्रामक बीमारियों से पीड़ित बच्चे रोजाना 100 की संख्या में सामने आ रहे हैं.

औसत से कम बारिश बनी वजह

इस मामले को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि इस बार औसत से कम बारिश के चलते नमी बढ़ गई है. यही वजह है कि लार्वा और संक्रामक बीमारियां पैर पसार रही हैं. स्वास्थ्य महकमा नगर निगम के साथ मिलकर जन जागरूकता फैला रहा है. जिले में लार्वा नष्ट करने का काम भी किया जा रहा है. गौरतलब है कि, गरीब परिजन मासूम बच्चों के लिए ब्लड और प्लेटलेट की व्यवस्था में जूझ रहे हैं. वायरल फीवर के चलते उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.

दूसरी ओर, ग्वालियर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. यहां पिछले 24 घंटे में डेंगू के 10 नए मरीज मिले. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 43 हो गई है. इनमें 15 बच्चे भी शामिल हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य की तरह मध्य प्रदेश में बच्चों में किसी भी तरह का कोई रहस्यमयी बुखार नहीं है. सिर्फ वायरल फीवर के लक्षण बच्चों में है. किसी भी तरह से वायरल को लेकर पैनिक फैलाने की जरूरत नहीं है. अस्पतालों की व्यवस्था का लगातार जायजा ले रहे हैं. वायरल की चपेट में आ रहे बच्चों की बढ़ती संख्या के बीच अस्पताल में बिस्तरों की संख्या और तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.

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