मध्यप्रदेश में हर महीने 1100 नवजात अस्पताल में ही तोड़ देते हैं दम
भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान 13 हजार 530 नवजातों की मौत हुई। यानी रोजाना 37 बच्चों ने दम तोड़ा। हर महीने लगभग 1100। यह बात कोई और नहीं, मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कबूली है। वे एक सवाल का विधानसभा में जवाब दे रहे थे। सरकार की ओर से आया यह जवाब ही बच्चों के स्वास्थ्य और सुविधाओं के दावों पर कई सवाल खड़े कर रहा है। मामले में किसी तरह की लापरवाही से मौत हुई है या नहीं, न यह बताया, न इसे रोकने के लिए क्या तगड़े प्रबंध किए जाने वाले हैं, उस पर खुलकर कुछ ठोस रणनीति का जिक्र किया।
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार से पूछा था कि चाइल्ड इनटेंसिव केयर यूनिट में इलाज के दौरान पिछले पांच साल में कितने नवजात शिशुओं की मौत हुई? पटवारी ने पिछले दिनों भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुए हादसे की जांच को लेकर सवाल किए थे, लेकिन इसका जवाब मंत्री डाॅ. चौधरी ने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है। सरकार के इस जवाब ने बच्चों के इलाज के लिए किए जा रहे दावों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
विधायक पटवारी ने हमीदिया हादसे को लेकर सरकार से पूछा था कि पिछले माह आग लगने और उसमें नवजात शिशुओं के मृत होने की घटना की जांच करने किस अधिकारी को नियुक्त किया था? क्या स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर कोई जांच की है? इस हादसे के लिए किन-किन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई? लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा कि जानकारी एकत्र की जा रही है।
मंत्री से पूछे गए सवाल के जवाब में यह सामने आया कि सरकारी अस्पतालों में नवजातों के इलाज की संख्या 2015-16 में 84,691 थी, जो 2019-20 में बढ़कर 1 लाख 12 हजार हो गई। जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2020-21 में 99 हजार से ज्यादा रहा। यह आंकड़े बताते है कि प्रतिवर्ष इन गहन चिकित्सा इकाई में इलाज के दौरान 14 से 15 प्रतिशत बच्चों की मौत हो रही है। यानी हर 6 में से 1 नवजात ने दम तोड़ा।
स्वास्थ्य मंत्री को कोविड मृतकों को सहायता राशि देने की जानकारी नहीं
कोरोना संक्रमण से मरने वालों के आश्रितों को सरकार ने अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. चौधरी को इसकी कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सरकार से पूछा कि प्रदेश में कोरोना से मरने वालों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 1 लाख रुपए से घटाकर 50 हजार रुपए कर दी गई है? इसके लिए बनाए गए नियमों की जानकारी दें? इस राशि का वितरण कब किया जाएगा? इन सभी सवालों का कोई जवाब सरकार के पास नहीं है। डाॅ. चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि यह जानकारी एकत्रित की जा रही है। डाॅ. चौधरी ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक तरुण भनोत के एक सवाल के जवाब में कहा कि कोविड से हुई मौत के एवज में मिलने वाली अनुग्रह राशि के संबंध में कोई अधिसूचना सरकार की तरफ से जारी नही हुई है।
कोरोना पॉजिटिव 448 मरीजों की होम आइसोलेशन में हुई थी मौत
मध्य प्रदेश में काेरोना से अब तक 10 हजार 80 लोगों की मौत हुुई है। इसमें से 448 कोरोना मरीज ऐसे हैं, जिनकी होम आइसोलेशन में ही मौत हो गई थी। जिलेवार आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा नीमच में 102 कोरोना मरीजों ने घर में ही दम तोड़ दिया था।