महाराष्ट्र : खड़से ने दी बीजेपी को करारी चोट, जलगांव में BJP को बड़ा झटका
मुंबई। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ज़बर्दस्त झटका लगा है. जलगांव में बीजेपी में पार्टी के अंदर का असंतोष खुल कर सामने आ गया है. जिले के मुक्ताईनगर और बोधवड नगरपालिका से जुड़े 11 नगरसेवक (Corporators) आज (24 सितंबर, शुक्रवार) शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हो रहे हैं. ये सभी के सभी कॉर्पोरेटर्स मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) की मौजूदगी में शिवबंधन बांधेंगे.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जलगांव जिले के 11 नगरसेवकों ने बीजेपी को छोड़ने का फ़ैसला किया है. जलगांव जिले के ये सारे नगरसेवक एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) के समर्थक बताए जाते हैं. याद दिला दें कि एकनाथ खडसे पहले बीजेपी में ही थे. जब राज्य में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार बनी थी, तब वे नाराज हो गए थे. वे अपने आप को मुख्यमंत्री के पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार समझ रहे थे, क्योंकि वे फडणवीस सरकार बनने से पहले नेता प्रतिपक्ष भी थे. बाद में बीजेपी छोड़कर वे एनसीपी (NCP) में चले गए. जब से वे एनसीपी में गए हैं तब से बीजेपी को किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाते आ रहे हैं. फिलहाल उनके खिलाफ जमीन घोटाले के मामले में ईडी की जांच शुरू है.
एकनाथ खडसे बीजेपी को पहुंचा रहे हैं नुकसान, ईडी की कार्रवाई का बदला?
महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री रहे एकनाथ खडसे पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. ईडी ने पुणे के जमीन घोटाले से जुड़े मामले में उन पर कार्रवाई करते हुए उनकी 5.73 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है. उनका एक बैंक अकाउंट भी सील किया गया है. उस खाते में कुल 86 लाख रुपए डिपॉजिट थे. इसके अलावा ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनका लोनावाला का एक बंगला, जलगांव में तीन फ्लैट और जमीन भी जब्त कर लिए हैं. ये सारी प्रॉपर्टी एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी खडसे और दामाद गिरीश चौधरी के नाम पर है.
एकनाथ खडसे ने जब बीजेपी को छोड़ कर एनसीपी ज्वाइन किया था तब कहा था कि अगर मेरे पीछे ईडी लगाई गई तो मैं सीडी निकालूंगा (बीजेपी से जुड़े लोगों के भ्रष्टाचार का खुलासा करूंगा). लेकिन ईडी की जांच शुरू भी हो गई, लोग खडसे की सीडी का इंतजार ही कर रहे हैं. खडसे सीडी तो नहीं ला पाए, लेकिन बीजेपी को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं चूकते हैं. 11 नगरसेवकों की बीजेपी से छुट्टी करवा कर शिवसेना में शामिल करवाना खडसे के बदले की ही एक मिसाल है.