कार्तिकेय कि मतदाताओं को वार्निंग : कांग्रेस का विधायक आ गया तो गांव में एक भी ईंट नहीं लगने वाली है. समझ लेना आप सब
If a Congress MLA comes, not a single brick is going to be laid in the village. please understand all of you
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम में कहा कि उपचुनाव में 19-20 होता है तो आप समझिए, किसका नुकसान होगा? अपने पैरों पर हम क्यों कुल्हाड़ी मारें?
MP Bypoll 2024: मध्य प्रदेश के बुधनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर अब राजनीति चरम पर पहुंच गया है. इस सीट पर बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान ने एक चुनावी कार्यक्रम में कुछ ऐसा कह दिया कि उनके बयान को लेकर कांग्रेस ने उन्हें नसीहत देने लगे हैं. एमपी कांग्रेस के बड़े नेता ने उन पर पलटवार करते हुए कार्तिकेय सिंह को नसीहत दी है.
दरअसल, कार्तिकेय सिंह चौहान ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उपचुनाव में 19-20 होता है तो आप समझिए, किसका नुकसान होगा? अपने पैरों हम क्यों कुल्हाड़ी मारें?
ये है कार्तिकेय का बयान
एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा, “अपनी पोलिंग में गड़बड़ी कर हम क्यों अपनी इज्जत खराब करें? क्या हम को नहीं जाना काम कराने के लिए मुख्यमंत्री के पास, क्या हमें नहीं जाना काम कराने के लिए कृषि मंत्री के पास. आप ही लोग बताईए, सरपंच जी कैसे कराएंगे आप काम. जबाव दीजिए.”
उन्होंने आगे कहा कि यदि उन्नीसा-बीस हुआ तो हम किस मुंह से अपने नेताओं के पास काम कराने जाएंगे. अगर गलती से भी कांग्रेस का विधायक आ जाता है तो एक ईंट गांव में नहीं लगने वाली है. समझ लेना आप सब.
दिग्विजय सिंह ने क्या दी नसीहत?
एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के इस बयान पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर उन्हें नसीहत दी है. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो. अपने पिता शिवराज सिंह चौहान जी से सीखो. लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं.”
उन्होंने कहा कि 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया. आपके पिता गवाह हैं. पंचायत राज कानून में निर्माण काम करने के जिम्मेदार सरपंच की होती है, ना कि विधायक की. आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक. आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान हैं. यह मेरी राय है. आप मानें ना मानें, आप जानें. जय सियाराम.